Mera Desh: Hindi Poems by Kalpana Singh
- HindiLiteratureToday
- Jan 26, 2021
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Updated: Jun 14, 2022

मेरा देश (१) मेरा देश एक जल गई रोटी किसने सेंकी? किसने फेंकी? (२)
मेरा देश एक तराजू। जिसके हाथ भी आ जाता है डंडी मार के ले जाता है।
(३) मेरा देश उदार। हर टेढ़ी सोच वाले इंसान को वह सीधा मानता हैं। (४)
मेरा देश एक नादान बच्चा।
हर कोई एक खिलौना दे कर उसे
फुसला ले जाना चाहता है।
(५)
मेरा देश एक हास्य-व्यंग।
अपनी त्रासदियों पर हँसता है
और रात के अंधेरे में चुपचाप रोता है।
(६)
मेरा देश, एक मोटा हलवाई।
थाली में छेद करने वालों को
देसी घी की पूरियां परोसता है।
(७)
मेरा देश गड्ढों से भरा एक चाँद। उसे जानने और समझने के लिए शायद जरूरी है एक चंद्रयान! (८) मेरा देश, पूरब में प्रज्वलित एक अग्नि-पिंड। रौशनी के लिए आज भी जाने क्यों, पश्चिम में डूबते सूरज का मुंह ताकता है। (९)
मेरा देश, हमारी पहचान। हम उसे नकारते रहे, धिक्कारते रहे लाट साहब बने दुनिया घूमते रहे, इतराते रहे। (१०) मेरा देश एक तानाशाह। हम सब उसके ताने-बाने और नाजायज़ फरमान। *****
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