Sep 14, 20233 min readTwo Poems of Bimlesh Tripathi: Translated by Kalpna Singh-Chitnisसाथ रहो सिर्फ तुम फूल की एक पंखुड़ी से बना सकता हूँ गुलदस्ता आकाश में एक तारा काफी है पूरी रात अंजोर के लिए एक बीज से पूरे खेत में उग...
Sep 14, 20233 min readTwo Poems of Hareprakash Upadhyay: Translated by Kalpna Singh-Chitnisचंद उलाहने (1) तटस्थता के पुल पर खड़ी होकर उसने मुझे एक दिन जाने किस नदी में ढकेल दिया कोई किनारा नहीं कोई नाव नहीं कोई तिनका नहीं बहता...